हाइपरथायरायडिज्म के लक्षण
हाइपरथायरायडिज्म, जिसे थायरॉइड अतिसक्रियता भी कहा जाता है, तब होता है जब थायरॉइड ग्रंथि बहुत अधिक थायराइड हार्मोन का उत्पादन करती है। थायराइड हार्मोन शरीर के चयापचय को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब बहुत अधिक थायराइड हार्मोन होता है, तो यह शरीर के कई कार्यों को तेज कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप कई लक्षण हो सकते हैं।
हाइपरथायरायडिज्म के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
वजन कम होना: भूख में वृद्धि के बावजूद, हाइपरथायरायडिज्म से वजन कम हो सकता है।
थकान: हाइपरथायरायडिज्म से थकान और कमजोरी हो सकती है, भले ही आप पर्याप्त नींद लें।
अनिद्रा: हाइपरथायरायडिज्म सोने में परेशानी पैदा कर सकता है।
घबराहट या चिड़चिड़ापन: हाइपरथायरायडिज्म चिंता, घबराहट और चिड़चिड़ापन पैदा कर सकता है।
गर्मी असहिष्णुता: हाइपरथायरायडिज्म से गर्मी असहिष्णुता हो सकती है, जिसका अर्थ है कि आपको सामान्य से अधिक गर्म महसूस होता है।
हाथ कांपना: हाइपरथायरायडिज्म हाथों में कंपकंपी पैदा कर सकता है।
दस्त: हाइपरथायरायडिज्म दस्त का कारण बन सकता है।
अनियमित मासिक धर्म: महिलाओं में, हाइपरथायरायडिज्म अनियमित मासिक धर्म का कारण बन सकता है।
त्वचा में बदलाव: हाइपरथायरायडिज्म त्वचा को पतला और सूखा बना सकता है।
बालों का झड़ना: हाइपरथायरायडिज्म बालों का झड़ना पैदा कर सकता है।
हाइपरथायरायडिज्म के लक्षण व्यक्ति से व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं। कुछ लोगों में केवल कुछ हल्के लक्षण हो सकते हैं, जबकि अन्य में कई गंभीर लक्षण हो सकते हैं।
हाइपरथायरायडिज्म के कारण
हाइपरथायरायडिज्म के कई संभावित कारण हैं, जिनमें शामिल हैं:
ग्रेव्स रोग: यह हाइपरथायरायडिज्म का सबसे आम कारण है। ग्रेव्स रोग एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से थायरॉइड ग्रंथि पर हमला करती है, जिससे यह बहुत अधिक थायराइड हार्मोन का उत्पादन करती है।
थायरॉइड नोड्यूल: ये थायरॉइड ग्रंथि में गांठ हैं जो बहुत अधिक थायराइड हार्मोन का उत्पादन कर सकते हैं।
थायरॉइडाइटिस: यह थायरॉइड ग्रंथि की सूजन है जो थायरॉइड हार्मोन को रक्तप्रवाह में जारी करने का कारण बन सकती है।
थायरॉइड कैंसर: दुर्लभ मामलों में, थायरॉइड कैंसर हाइपरथायरायडिज्म का कारण बन सकता है।
हाइपर थायराइड बढ़ने से क्या होता है?
हाइपरथायरायडिज्म का इलाज न करने पर यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जिनमें शामिल हैं:
हृदय रोग: हाइपरथायरायडिज्म अनियमित दिल की धड़कन, उच्च रक्तचाप और हृदय की विफलता का कारण बन सकता है।
हड्डी का नुकसान: हाइपरथायरायडिज्म हड्डियों को कम
मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा थायराइड हाइपर है या हाइपो?
हाइपरथायरायडिज्म के लक्षण अक्सर हाइपोथायरायडिज्म (अंडरएक्टिव थायरॉइड) के लक्षणों के विपरीत होते हैं।
हाइपरथायरायडिज्म के कुछ लक्षणों में शामिल हैं:
वजन कम होना
थकान
घबराहट या चिड़चिड़ापन
गर्मी असहिष्णुता
हाथ कांपना
दस्त
अनियमित मासिक धर्म
हाइपोथायरायडिज्म के कुछ लक्षणों में शामिल हैं:
वजन बढ़ना
थकान
ठंड लगना
कब्ज
शुष्क त्वचा
बालों का झड़ना
अवसाद
हालांकि, कुछ लक्षण दोनों स्थितियों में ओवरलैप हो सकते हैं। निदान की पुष्टि के लिए रक्त परीक्षण आवश्यक है। ये परीक्षण आपके थायरॉइड हार्मोन के स्तर को मापेंगे और यह निर्धारित करने में मदद करेंगे कि आपका थायरॉइड हाइपरएक्टिव है या हाइपोएक्टिव है।
कौन सा थायराइड ज्यादा खतरनाक है?
दोनों हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म अस्वस्थ हो सकते हैं यदि उनका इलाज नहीं किया जाता है। हालांकि, हाइपरथायरायडिज्म आपके हृदय और हड्डियों को अधिक तेजी से नुकसान पहुंचा सकता है। यदि अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो हाइपरथायरायडिज्म गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकता है, जिनमें शामिल हैं:
अलिंद विकंपन (atrial fibrillation) - एक प्रकार का अनियमित दिल का ताल
दिल की विफलता
ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना)
थायरॉइड तूफान (thyroid storm) - एक दुर्लभ लेकिन जानलेवा स्थिति जो बुखार, भ्रम और दौरे जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती है।
इसलिए, जल्दी से निदान और उपचार प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।
कैसे पता चलेगा कि आपका थायराइड हाइपर है या हाइपो?
निदान की पुष्टि के लिए रक्त परीक्षण ही एकमात्र निश्चित तरीका है। ये परीक्षण आपके थायरॉइड हार्मोन के स्तर को मापते हैं, साथ ही साथ थायरॉइड- उत्तेजक हार्मोन (TSH) के स्तर को भी मापते हैं। TSH एक हार्मोन है जो पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा बनाया जाता है और यह थायरॉइड को थायराइड हार्मोन बनाने के लिए कहता है।
हाइपरथायरायडिज्म में: आपके रक्त में थायराइड हार्मोन का स्तर अधिक होगा और आपका TSH का स्तर सामान्य से कम या दबा हुआ हो सकता है।
हाइपोथायरायडिज्म में: आपके रक्त में थायरायड हार्मोन का स्तर कम होगा और आपका TSH का स्तर सामान्य से अधिक होगा।
कुछ मामलों में, डॉक्टर को यह निर्धारित करने के लिए अतिरिक्त परीक्षण करने की आवश्यकता हो सकती है कि हाइपरथायरायडिज्म का क्या कारण है। इन परीक्षणों में इमेजिंग परीक्षण (जैसे अल्ट्रासाउंड या रेडियोधर्मी आयोडीन त स्कैन) और रक्त परीक्षण शामिल हो सकते हैं जो एंटीबॉडी के स्तर को मापते हैं।
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